किसी मनुष्य को अपने जीवन में उन्नति करने के लिए सर्वप्रथम उसमें निम्न ६ गुण होने चाहिए।
सबसे पहले उन्हें इन गुणों को अपने में विकसित करना चाहिए।
1 सत्य (Sincerity): सत्य बोलना और मन , वचन और कर्म से सत्य कहना। जैसा सोचना वैसा ही कहना और जैसा कहना वैसा ही करना सत्य कहलाता है।
2 दान (Donation): दान कमाई के बजाये, बचत का कुछ हिस्सा दान करना चाहिए।
3 कर्मण्यता (Discharge one's duties) :कर्त्तव्य कर्म को करना , कर्त्तव्य कर्म को लगातार करना और उससे से पीछे नहीं हटना। जो मनुष्य अपना काम ईमानदारी से करता है , कम से कम जीते जी तो इज़्ज़त मिलती ही है।
4 अनुसूया ( Freedom from spite): किसी को भी, किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचाने की चेष्टा रखना।
5 क्षमा (Forgiveness): किसी को उसकी की गयी गलती के लिए माफ़ करना , माफ़ उसी को किया जाता है जिसको आप दंड दे सकते हो।
6 धैर्य (equanimity) : किसी भी काम को करने से पहले सोच समजकर फिर उसे करना चाहिए। मनुष्य को अपने जीवन में धैर्य नहीं खोना चाहिए।